शब्द के आधार पर
अफ्रीकी महाद्वीप के कुछ देशों जैसे अंगोला, नाइजीरिया, नाइजर ,कैमरून ,जामिबिया ,जांबिया, जिंबॉब्वे ,और साउथ अफ्रीका और युगांडा जैसे देश जो जानवर पाया जाता है उन्होंने उसका नाम “चौपाया” रख दिया था l क्योंकि इस जानवर लंबी चार टांग है लंबी गर्दन वाला सबसे ऊंचा दिखाने वाला या जानवर का नाम चौपाया रख दिया था कुछ लोग “सोफा” कहने लगी और यह प्रचलन में आ गया l फिर इसे जानवर को लोगों आकर्षक और मनोरंजन के लिए इस जानवर को सभी देशों में भेजा गया जहां पर उसे चिड़ियाघर में रखा नामकरण किया गया और फिर पूरे विश्व में “जिराफ” के नाम से जानने लगे l अतः जिराफ की संरचना लकड़ी की बनाई हुई एक गादड़ी दlर कुर्सी के जैसी दिखाई देने लगी जो बिल्कुल सोफा जिराफ जैसा दिखने लगा इस इस कुर्सी नुमा आकृति की संरचना को सोफा कहकर पुकारने लगे l
सोफा भले ही ऐसा ही हो लेकिन उसमें बैठने की व्यवस्था सब में एक जैसी ही होती है इसलिए उपयोगी बन चुका है आजकल सोफे की बहुत सी परिभाषाएं देखने को जाती है सबसे सटीक जहां से शब्द निकला उसका सही अर्थ सोफा एक जिराफ की संरचना से निकला हुआ शब्द है
कुर्सी नुमा आकृति जिराफ के नाम से “सोफा” कहकर पुकारने लगे l
इस तरह से देखा जाए तो सोफा शब्द का जिराफ क्योंकि जिराफ और सोफा की संरचना मिलती-जुलती है फिर इस तरह से सभी कुर्सियों का नाम सोफा पड़ा भले ही इनका आकार साइज लंबाई चौड़ाई डिजाइन डिफरेंट होने लगी पर सभी का नाम सोफा के नाम से जाना जाता है आज के दौर में आरामदायक एक आनंद अनुभव करने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है जो अभी ज्यादा प्रचलन में है इसका उपयोग घरेलू और दुकानों में बैठने में ज्यादा प्रचलन में है जो आजकल बेचने में बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री चुकी है
नाम के आधार पर
आमतौर पर सोफा का मतलब एक बेंच पर उसे पर लगी हुई गड्डियां कपड़े से डाकिया होती है जो केवल उसकी संरचना या उसकी बनावट सोफे को एक आधार के रूप में बताती है जिसमें प्लाईवुड का बेस लगी हुई गड्डियां सीमित तौर पर कंफर्ट यहां आनंद नहीं दे पाती जो सोफा सिर्फ और यह बताता है यह सोफा इसकी सीट में स्पंज तो होता है पर अप्लाई लगने के बाद की तरफ नीचे की तरफ नहीं नहीं दब पता जिसके कारण फॉर्म नीचे बने की जगह नहीं मिल पाती ज्यादा टाइम तक नहीं चल पाता या फिर टिक नहीं पता धीरे-धीरे 2 से 4 साल में पूरी तरह हम दब जाता है सोफे में कपड़ा सिलवट लेने लगता है फिर सोफे का फिनिशिंग आकर मैं सो जाता है जिसके कारण सोफे में सही तरीके से बनवाना और सही जगह से लेना एक अच्छा विकल्प माना जाता है या फिर सोफा किसी एक्सपर्ट किसी रेखा कुशल कारीगर ही सोफा बनवाना चाहिए लेकर पछताना नहीं पड़े सोफा के लिए एक जरूरी सूचना कि जिस सोफे में बैक में सीट में अप्लाई लगी हो सुपर का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए हमको लगता है की सोफा यह तो लॉन्ग टाइम तक चलेगा पर ऐसा बात नहीं है क्योंकि जिस सोफे में आधार सही नही हो सोफा से दूर रहना या कभी ना खरीदे क्योंकि कुछ ऐसी जानकारी जो सोफे के लिए हमको जरूर होनी चाहिए बाहर से सब सोफे एक जैसे ही दिखते हैं पर अंदर की बनावट डिफरेंट होता है कुछ सोफे का स्ट्रक्चर दो इतना कमजोर होता है खरीदना महंगा पड़ता है उसको बनाने में और खर्च लग जाता है इसीलिए सोफे के लिए एक जानकारी है की सोफा हमेशा किसी कुशल कारीगर से ही बनवाना चाहिए मार्केट में सोफा बहुत अलग-अलग तरीके से बनाकर उनका सोफा बेचने में लगे हुए है दूसरे शब्दों में कहे तो सोफे में सिर्फ सेट बैक में लगा हुआ फॉर्म ही ना देखें क्योंकि सोफा मतलब एक बार खुशी जिसमें सेट बैक में लगी हुई गद्दा l इस आधार पर मतलब बेंच पर लगा हुआ गाड़ी परंतु आजकल प्रचलन में यही चल रहा है
काम के आधार पर
आमतौर सोफा को लेकर बहुत से सवाल मन में प्रश्न बनते हैं के लिए सही अर्थ मतलब सही समझ में आ जाए तो बहुत ही बढ़िया हो जाता है सोफा एक ऐसा होना चाहिए जो आराम अच्छा देखना अभी सुविधा से लैस होना चाहिए इसमें सुविधा का मतलब यह है की सोफा लॉन्ग टाइम तक चलना चाहिए जिससे सोफा की गुणवत्ता और सोफा के अंदर लगा हुआ फार्म से है सोफा का बेसिकली स्ट्रक्चर ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि के स्ट्रक्चर में मैं लगी हुई स्प्रिंग उसे फॉर्म को बहुत ही बढ़िया लाइव प्रदान करती हैं ज्यादा से ज्यादा तक चलने के लिए बनाए रखती है सोफा सोफा में बहुत से भाग ऐसे होते हैं जिनको हटाने में या उसमें ना लगने से सोफे का काम चल तो जाता है पर लंबे समय तक उसकी गुणवत्ता काम हो जाती है स्प्रिंग ना लगने से हम को जान नहीं होती बेसिकली स्ट्रिंग आती है महंगी जिसके कारण लोग प्लाई लगते हैं और अपना काम चलाते हैं जिसके सोफा बढ़िया दिखता है पर उसका सही-सही से बनावट नहीं हो पता जिससे उसकी घट जाती है और सोफा नाम का छुपा रहता है काम का सोफा नहीं होता सोफा हुआ होता है जो सभी सही ढंग से व्यवस्थित स्थिति में सारा फार्म कुशन कपड़ा एवं स्ट्रक्चर बिल्कुल परफेक्ट तरीके से बना हुआ क्योंकि लोग स्ट्रक्चर में बहुत से गलती करते हैं जिसके कारण सोफे की आधी कमजोरी बन जाती है सोफे को एक-एक पाठ ध्यान में रख बनाना पड़ता है तब साफ पर्फेक्ट तरीके से काम करता है
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